पिलोनाइडल साइनस (Pilonidal Sinus): कारण, लक्षण और प्रभावी इलाज

Pilonidal sinus treatment option

Dr. Arun Singh

4/17/20251 min read

white concrete building during daytime
white concrete building during daytime

पिलोनाइडल साइनस एक जटिल लेकिन आम त्वचा रोग है, जो अक्सर रीढ़ की हड्डी के निचले भाग (नाक के ऊपर की दरार) में होता है। यह स्थिति एक छोटे छिद्र या सुरंग (sinus tract) के रूप में होती है, जिसमें बाल, मलबा या संक्रमण फंस सकता है, जिससे फोड़ा या पस बनना शुरू हो जाता है।

पिलोनाइडल साइनस के लक्षण:

  • रीढ़ के निचले हिस्से (नितंबों के बीच) में दर्द या सूजन

  • उस क्षेत्र में पस या खून का रिसाव

  • चलने या बैठने में असुविधा

  • कभी-कभी बुखार (संक्रमण के कारण)

  • बार-बार फोड़ा होना या ठीक होकर फिर से बन जाना

🔍 पिलोनाइडल साइनस के कारण:

  • लंबे समय तक बैठना (जैसे ड्राइवर, ऑफिस वर्कर)

  • अधिक बालों वाला शरीर

  • पसीना आना और सफाई की कमी

  • घर्षण और रगड़ के कारण बालों का त्वचा में धँसना

  • मोटापा

🌿 पिलोनाइडल साइनस का आयुर्वेदिक और चिकित्सा इलाज (Medical & Ayurvedic Management):

Bhardwaj Ayurveda द्वारा उपयोगी औषधियाँ:

  • Ayurheal Tablet – घाव को सुखाने और सूजन कम करने में सहायक

  • PNG Vati – आयुर्वेदिक एंटीबायोटिक, संक्रमण में उपयोगी

  • Ayurflam Tablet – सूजन और दर्द में असरदार

  • Ksharsutra Therapy – पुराने व जटिल पिलोनाइडल साइनस में अत्यंत सफल तकनीक

🔬 सर्जिकल विकल्प (जब फोड़ा बार-बार हो):

  • Excision and Healing by Secondary Intention – संक्रमित भाग को निकालकर खुला छोड़ा जाता है

  • Laser Pilonidal Sinus Surgery – बिना टांका, दर्द रहित और शीघ्र राहत

  • Limberg Flap Surgery – दोबारा संक्रमण से बचने वाली तकनीक

  • Z-Plasty या अन्य Flap Techniques – जटिल और बार-बार लौटने वाले मामलों में

  • Ksharsutra Therapy (आयुर्वेदिक शल्य चिकित्सा) – कम इनवेसिव, सुरक्षित और पारंपरिक विकल्प

🥗 सावधानियाँ और रोकथाम:

  • साफ-सफाई बनाए रखें

  • बालों को शेव या वैक्स करवाते रहें

  • लंबे समय तक बैठने से बचें

  • ढीले और आरामदायक कपड़े पहनें

  • संतुलित आहार और नियमित व्यायाम अपनाएँ

🏥 निष्कर्ष:

पिलोनाइडल साइनस कोई साधारण फोड़ा नहीं है – यह एक पुराना और दोहराने वाला रोग बन सकता है। इसलिए इसका समय पर निदान और उपचार अत्यंत आवश्यक है।

Bhardwaj Hospital, Varanasi में इस रोग के लिए आधुनिक सर्जरी, लेज़र तकनीक और आयुर्वेदिक चिकित्सा का सम्मिलन किया जाता है, जिससे मरीजों को जल्दी, सुरक्षित और स्थायी राहत मिल सके।